‘हिन्दी एक राज भाषा ’ इस पर अध्यापिका उषा जी के विचार
विद्यार्थियों द्वारा लघु कथा, गाना, कविता, निबंध आदि
मुख्यद्यापिका द्वारा सब छात्रों का सम्मान
राष्ट गान।
रिपोर्टों :
बुधवार के दिन हिंदी दिवस समारोह विद्यार्थियों तथा अध्यापकों द्वारा मनाया गया।
समारोह की अध्यक्षता हमारे मुख्य अध्यापिका श्रीमती रूपा अशोक शेट्टी जी द्वारा की गई।
सुबह की सभा में सारे बच्चों की उपस्थिति में यह समारोह किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ बच्चों ने देवी सरस्वती की वंदना करके किया।
इसके बाद मोनाला जो हमारे विद्यालय की छात्र नेता हैं , उन्होंने दिवस महत्ता के बारे में सब छात्रों को बताया।
इसके बाद कई विद्यार्थियों ने बारी– बारी हिंदी भाषा के महत्व वा उपयोगिता पर अपने– अपने विचार प्रस्तुत किए।
विद्यार्थियों ने हिंदी में रोचक कविताएं गीत तथा लघु कथाऔं आदि के माध्यम से हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला।
कक्षा एक के छात्र ने 'सब्जी' कविता सुनाई। पूरे शब्द अच्छे से ना बोल पाने के उपरांत भी वह कविता बहुत सुंदर तथा मनोरंजक लग रही थी।
कविताएं सुनाने वाले बच्चों में अधिकांश कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक के छात्र थे।
कुछ बच्चों ने हिंदी में गीत सुनाए।
कुछ बच्चों ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया । जिसमें कक्षा 5 से 8 तक के बच्चे थे। उन सब ने हिंदी की महत्ता पर अपने अपने विचार प्रकट किए।
कुछ बच्चों ने 'हिंदी की महत्ता' विषय पर अपने शब्दों में निबंध लिखा।
हिंदी भाषा की महत्ता के बारे में हमारी अध्यापिका श्रीमती उषा जी ने बच्चों को बताया कि हिंदी को क्यों और कैसे राजभाषा का स्थान मिला?
क्यों 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है?
राष्ट्रीय हिंदी दिवस तथा विश्व हिंदी दिवस में क्या अंतर है तथा वह कब कब मनाये जाते हैं?
इन सब प्रश्नों के उत्तर जानकर सब बच्चों के ज्ञान में वृद्धि हुई तथा जान पाए कि कैसे हिंदी भाषा हमें हमारी जड़ों तथा संस्कृति से जोड़े हुए है।
इसके पश्चात हमारी मुख्य अध्यापिका ने हिंदी भाषा के अध्ययन में अभिरुचि रखने वाले विद्यार्थियों का सम्मान करते हुए उनका उत्साह बढ़ा कर बधाई दी।
इस अवसर पर उन्होंने राजभाषा हिंदी को राष्ट्र एकता की सूत्र भाषा कहा। उन्होंने आगे कहा कि “हिंदी एक इंडो-आर्यन भाषा है, जिसे देवनागरी लिपि में भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में लिखा गया है।”
राष्ट्रगान के साथ 'हिंदी दिवस' समारोह का शानदार समापन हुआ।